Sunday, August 8, 2021

METHODS OF SAMIPLING IN HINDI/ प्रतिदर्श विधियां

 METHODS OF RANDOM SAMPLING PART 1

     


जनगणना और प्रतिदर्श की अवधारणाएं

     अनुसंधानकर्ता अपनी खोज के लिए आंकड़े इकट्ठे करना चाहता हैi उस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वह दो विधियों का प्रयोग कर सकता है I

     एक विधि जनगणना विधि कहते हैं

     और दूसरी विधि को प्रतिदर्श विधि कहते हैं

     प्रतिदर्श विधि ( SAMPLE METHOD)

     प्रतिदर्श विधि यह विधि जिसके अंदर यह वह विधि है जिसके अंदर प्रतिदर्श अर्थात किसी समग्र का प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे समूह से संबंधित आंकड़े इकट्ठे किए जाते हैं तथा उनसे निष्कर्ष निकाले जाते हैं I



      SAMPLE METHOD IS THAT METHOD IN WHICH DATA COLLECTED ABOUT THE SAMPLE OR GROUP OF ITEMS TAKEN FROM THE POPULATION FOR EXAMINATIONS AND CONCLUSIONS ARE DRAWN ON THEIR BASIS.

     प्रतिदर्श विधि ( SAMPLE METHOD)

     प्रतिदर्श विधि यह विधि जिसके अंदर यह वह विधि है जिसके अंदर प्रतिदर्श अर्थात किसी समग्र का प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे समूह से संबंधित आंकड़े इकट्ठे किए जाते हैं तथा उनसे निष्कर्ष निकाले जाते हैं I

      हम अपने दैनिक जीवन में इस विधि का प्रयोग करते हैं : जैसे एक एक ग्रहणी चावल के 2 दाने देखकर यह तय कर लेती है कि चावल कच्चे हैं या बन चुके हैं I

     जैसे एक डॉक्टर खून की कुछ बूंदों को देखकर एक व्यक्ति के ब्लड ग्रुप का ज्ञान प्राप्त कर लेता है

     प्रतिदर्श विधि की उपयुक्तता

1.       जब खोज का क्षेत्र बहुत अधिक विस्तृत हो I

2.       जब उच्च स्तर शुद्धता की आवश्यकता ना हो I

3.       जब विभिन्न इकाइयों के अत्याधिक परीक्षण की आवश्यकता ना हो I

4.       जब समग्र की सभी इकाइयां लगभग एक जैसी

     गुण

  1. कम खर्चीली है ( ECONOMICAL): यह कम खर्चीली भी दी है इसके अंदर धन वा मेहनत की भी बचत होती है Iक्योंकि जनसंख्या की कुछ इकाइयों का ही एक अध्ययन किया जाता है I
  2. समय की बचत  ( SAVING OF TIME) :प्रतिदर्श प्रणाली के द्वारा आंकड़ों का अधिक शीघ्रता पूर्ण इकट्ठा किया जा सकता है Iक्योंकि मदों की संख्या कम होती है और इस प्रकार समय की भी बचत होती है I
  3.  
  4. गुणगलती की पहचान :इस विधि के अंदर केवल सीमांत मदों का अध्ययन किया जाता है गलती की पहचान करना आसान होता है I
  5. विशाल खोज के लिए ज्यादा उपयोगी है I
  6. प्रशासनिक सुविधा I
  7. अधिक वैज्ञानिक

     अवगुण ( DEMERITS)

     पक्षपात पूर्ण  :अनुसंधानकर्ता केवल उन्हीं मदों को प्रतिदर्श के रूप में चुन सकता है जो उसे पसंद होती है I

     अशुद्ध निष्कर्ष इस विधि में यदि गलत प्रतिदर्श चुने जाते हैं जो निष्कर्ष अशुद्ध निकलेंगे I

     प्रतिनिधि प्रतिदर्श के चुनाव में कठिनाई : अनुसंधानकर्ता के लिए कई बार ऐसे प्रतिदर्श का चुनाव कठिन हो जाता है जो पूरी जनसंख्या को प्रतिनिधित्व करता हैi

      कई बार सांख्यिकी समूह इतना विविध होता है कि प्रतिदर्श बनाना संभव नहीं होता

     यह एक तकनीकी विद्या है बिजी है और इसके लिए विशेष ज्ञान की आवश्यकता होती है

     प्रतिदर्श के आवश्यक तत्व

  1. प्रतिनिधित्व (REPRESNTATIVE) :सभी विशेषताओं का पूर्ण प्रतिनिधित्व करें यह तभी हो सकता है जब सांख्यिकी समूह की प्रत्येक इकाई को प्रतिदर्श के रूप में चुने जाने का अवसर प्राप्त होi
  2. स्वतंत्र  :जनसंख्या की सभी इकाइयां जनसंख्या के सभी का है एक दूसरे से स्वतंत्र होनी चाहिएi
  3. सजातीयता: यदि किसी साथी के समूह में सांख्यिकी समूह में दो या उससे अधिक सैंपल लिए जाएं तो उन्हें में समानता होनी चाहिए होनी चाहिएi

 

 

 

  1.  प्रतिदर्श के रूप में चुने वाली चुने जाने वाली इकाइयों की संख्या पर्याप्त होनी प्राप्त चाहिए ताकि विश्वसनीय निष्कर्ष निकाले जाए I

 

 

     METHODS OF SAMPLING

 

 

 

     संभावित प्रतिचयन
RANDOM SAMPLING
यादृच्छिक प्रतिचयन

     यादृच्छिक  प्रतिदर्श वह विधि है जिसके अंतर्गत जनसंख्या की प्रत्येक इकाई के प्रतिदर्श  के रूप में चुने जाने के समान अवसर होते हैं I

     इस विधि के अंदर प्रत्येक इकाई के प्रतिदर्श में शामिल होने की संभावना होती हैi

      इसके अंदर अनुसंधानकर्ता अपनी इच्छा से निर्णय नहीं लेता बलिक दिखाइए चुनने का काम पूर्ण रूप से अवसर या देव पर छोड़ दिया जाता हैi

      यह विधि वहां अधिक सही होती है जहां जनसंख्या की इकाइयां समरूप होती है यह विधि पक्षपात रहित तथा कम खर्चीली है

 

     सरल देव प्रतिचयन

     इसके अंदर समग्र सभी सयोगों को चयन का बराबर अवसर दिया जाता हैi

      इसके अंतर्गत संपूर्ण सामग्री में से सभी इकाइयों को चुनने का अवसर बराबर असर दिया जाता है I

     जैसे हम गोल बर्तन के अंदर एक जैसे रंग के  100पत्थर रखें उनमें से कोई एक पत्थर निकाले I

     पत्थर चुने जाने की संभावना 1 बटा 100 होगी

     सरलसरल देव प्रतिचयन
लॉटरी विधि ( LOTTERY METHOD)

     लॉटरी विधि  :इस विधि में सामग्री की सभी इकाइयों की पर्चियां बना ली जाती है iएक निष्पक्ष व्यक्ति या अनुसंधानकर्ता खुद आंखें बंद करके बंद करके उतनी पर्चियां उठा लेता है जितनी इकाइयां प्रतिदर्श में शामिल की जानी होती है i

     सरलसरल देव प्रतिचयन
TABLE OF RANDOM NUMBERS

     संख्याओं की तालिका  :कई विद्यालयों ने साथियों की संख्याओं की सारणीयों का निर्माण किया है I

     इनकी सहायता से प्रतिदर्श सुनने में सहायता मिलती है इसके अंदर सबसे अधिक तथा प्रचलित टिपट तालिका है I

     टिप्पणी 4 अंकों वाला 10400 संख्याओं की एक सूची अनेक देशों की जनसंख्या प्रतिवेदन के आधार पर की हैi

      सामग्र कर्मबांध लिख लिया जाता है इसके पश्चात टिपट तालिका सहायता से है इसके पश्चात उनके अनुसार संख्याओं का चुनाव कर लिया जाता है

     MERITS
 गुण

1.       इस विधि में पक्षपात की संभावना नहीं होतीi

2.       समग्र की प्रत्येक इकाई को चुनाव का समान अवसर मिलता है I

3.       प्रतिचयन की शुद्धता का अनुमान लगाया जा सकता है I

4.       यह एक सरल विधि हैi

5.        जिसके अंदर अनुसंधानकर्ता मेहनत तथा  समय की बचत होती है I

 

     DE MERITS
अवगुण

1.       यदि प्रतिदर्श का आकार छोटा है इस विधि द्वारा सांख्यिकी समूह का उचित प्रतिनिधि में नहीं होता I

2.       यदि सांख्यिकी तुम्हें कुछ इकाइयां इतनी महत्वपूर्ण उनका प्रतिदर्श में शामिल होना जरूरी है तो यह विधि सही नहीं होती I

व्यवस्थित प्रतिचयन
SYSTEMATIC SAMPLING


     व्यवस्थित प्रतिनिधि में समग्र की इकाइयों को संख्यात्मक भौगोलिक अथवा वर्णनात्मक आधार आधार पर कर्मबंद कर लिया जाता है I

     इनमें से प्रति वर्ष की पहली रचना करके यादृच्छिक प्रतिदर्श विधि द्वारा प्राप्त कर लिया जाता हैI

     जैसे कि 100 विद्यार्थियों में 10 चुने हैं इन्हें संख्यात्मक आधार पर कर्म बंद करके प्रत्येक विद्यार्थी को प्रतिदर्श में शामिल किया जाएगा जैसे पहला प्रतिदर्श पांचवी संख्या है तो बाकी संख्याएं ,15,25,35,45,55,65,75,85,95यह

व्यवस्थित प्रतिचयन
MERITS
 गुण  

1.       प्रणाली सरल है इसके द्वारा प्रतिचयन प्राप्त करना आसान होता हैi

2.       पक्षपात की संभावना कम होती है I

     DE MERITS
अवगुण

1.       इस विधि में प्रत्येक इकाई को चुनाव का समान अवसर प्राप्त नहीं होताi

2.        यदि सभी इकाइयों की विशेषताएं समान नहीं है तो निष्कर्ष  की प्राप्त नहीं होताi

 

     गुच्छ प्रतिचयन
? समूह प्रतिचयन
CLUSTER SAMPLING

     इसके अंदर समग्र को बहुत से समूहों में विभाजित करके उनमें से केवल कुछ समूह का निर्देश लेकर उन तत्वों का अध्ययन किया जाता है I

     समाजिक सर्वेक्षणों में इसका प्रयोग यात्रा व्यय को बचाने के उद्देश्य से किया जाता है I

     गुच्छ जितने बड़े होंगे प्रतिचयन की लागत उतनी कम होगीI

     इस विधि के अंदर समूहों का ढांचा बनाया जाता है इस ढांचे के अंदर देव प्रतिदर्श चुना जाता हैI चुने गए समूहों के अंदर स्वभाविक इकाई का अध्ययन किया जाता है

 स्तरीकृत प्रतिचयन / STRATIFIED SAMPLING

     प्रतिदर्श की विधि अपनाई जाती है जब किसी समग्र की इकाइयों एक एक समान ना होकर उसके अंदर अलग-अलग विशेषता वाले होते हैं I

     समग्र की इकाइयों को उनकी विशेषताओं के अनुसार विभिन्न भागों में बांट दिया जाता है I

      तथा प्रत्येक भाग से RANDOM विधि द्वारा प्रतिदर्श अलग किया जाता है जो उसका प्रतिनिधित्व करते हैं मान लीजिए 11वीं क्लास के अंदर 50 छात्राएं  हैi उनमें से 30 ने दसवीं कक्षा में गणित का विषय और 20 में गृह विज्ञान का विषय पढ़ा था iइनको हम दो भागों में पढ़ने वाले 30 विद्यार्थी गृह विज्ञान

 स्तरीकृत प्रतिचयन
STRATIFIED SAMPLING

     इनको हम दो भागों में पढ़ने वाले 30 विद्यार्थी कक्षा दसवीं में गणित का विषय और 20 में गृह विज्ञान का विषय पढ़ा था I

      हमने दो भागों में बांट लेंगे गणित पढ़ने वाली 30 छात्राएं I

      20 गृह विज्ञान पढ़ने वाली छात्रा

     और प्रत्येक भाग से प्रत्येक भाग में से आवश्यकतानुसार अलग-अलग प्रतिदर्श किए जाते हैं

 

 

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