Saturday, November 16, 2019

NATURE AND SCOPE OF ECONOMICS IN HINDI PART 1 (अर्थशास्त्र के अर्थशास्त्र की प्रकृति व क्षेत्र )


  • NATURE AND SCOPE OF ECONOMICS PART 1
    अर्थशास्त्र के अर्थशास्त्र की प्रकृति व क्षेत्र

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  • अर्थशास्त्र के अर्थशास्त्र की प्रकृति व क्षेत्र
  • अर्थशास्त्र के क्षेत्र का परिचय प्रसिद्ध अर्थशास्त्री  J.M KEYNES के अपनी पुस्तक “ THE SCOPE AND METHODS OF ECONOMICSनिम्नलिखित इन बातों का अध्ययन शामिल किया था।
  1. अर्थशास्त्र की विषय सामग्री
  2. अर्थशास्त्र की प्रकृति
  3. अर्थशास्त्र का दूसरे  शास्त्र से संबंध
  • अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नीचे लिखें लिखी तीन बातों का अध्ययन किया जाना चाहिए :- अर्थशास्त्र की विषय सामग्री
  1. अर्थशास्त्र की प्रकृति
  2. अर्थशास्त्र की सीमाएं
  3. अर्थशास्त्र की विषय सामग्री
    ( SUBJECT MATTER OF ECONOMICS )
  • अर्थशास्त्र की विषय सामग्री अलग अलग मत है प्रसिद्ध विद्वान
  • अरस्तु  ( ARISTOTLE)के अनुसार अर्थशास्त्र की विषय सामग्री राज्य तथा ग्रह का सत सत था था था का प्रबंध है I
  • परंपरावादी अर्थशास्त्री अर्थशास्त्रियों जैसे ADAM SMITH,J.B SAY,WALKER,J.S MILL के अनुसार अर्थशास्त्र वह शास्त्र है जिसमें धन की प्रकृति तथा धन के उत्पादन, उपभोग विनिमय तथा वितरण आदि का अध्ययन किया जाता
  •  एडम स्मिथ के अनुसार अर्थशास्त्र राष्ट्र के राष्ट्रों के धन की प्रकृति तथा कारणों की खोज है अर्थशास्त्र में केवल धन का अध्ययन किया जाता है धन के अध्ययन को प्रथम तथा मनुष्य को अध्ययन को SECONDARY दिया जाता हैI अर्थशास्त्र का उद्देश्य किसी देश में धन की मात्रा को बढ़ाना है अर्थशास्त्र में धन के उपयोग उत्पादन विनिमय विनिमय तथा वितरण का अध्ययन किया जाता है
  • अर्थशास्त्र की विषय सामग्री
    (
    SUBJECT MATTER OF ECONOMICS
  • भौतिक कल्याण से संबंधी परिभाषाएं नव परंपरावादी अर्थशास्त्र जैसे मार्शल ,जे एस मिल ,PIGOU,  आदि ने अर्थशास्त्र को धन के स्थान पर मनुष्य के उन कार्यों का अध्ययन माना है जिन्हें वह अपने कल्याण को बढ़ाने वाली भौतिक वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए करते हैं
  • डॉक्टर मार्शल के साथ अनुसार अनुसार अर्थशास्त्र जीवन के साधारण व्यवसाय के संबंध में मानव जाति का अध्ययन है यह व्यक्तिगत तथा समाजिक कार्यों के उस भाग का अध्ययन करता है जिसका घनिष्ठ  संबंध कल्याण प्रधान करने वाले भौतिक पदार्थों की प्राप्ति तथा उनका उपयोग करने से है अर्थशास्त्र में धन से अधिक मनुष्य के अध्ययन को महत्त्व दिया है मनुष्य का महत्व धन से अधिक है शास्त्र में अर्थशास्त्र में केवल मनुष्यों के आर्थिक कार्यों का अध्ययन किया जाता है जो समाज में रहते हैं।
  • ECONOMICS IS A STUDY OF MANKIND IN THE ORDINARY BUSINESS OF LIFE,IT EXAMINES THAT PART OF INDIVIDUAL AND SOCIAL ACTION WHICH IS MOSTLY CLOSELY CONNECTED WITH THE ATTAINMENT AND WITH THE USE OF MATERIAL REQUISITES OF WELL BEING.
  • अर्थशास्त्र की विषय सामग्री
    ( SUBJECT MATTER OF ECONOMICS
  • दुर्लभता संबंधी प्रवेश आएं परिभाषा अर्थशास्त्री अर्थशास्त्र की दुर्लभ भाषा के संबंध में भाषा की परिभाषा परिभाषा के संबंध में MENGER,PETER AND STIGLER  अपने विचार प्रकट किए थे। इसकी परिभाषा का उपेक्षित  विस्तृत वर्णन  प्रोफेसर प् रोबिन  ने  AN ESSAY ON THE NATURE AND SIGNFICANCE OF ECONOMICS SCIENCE (1932)किया I
  • अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो विभिन्न  उपयोगों वाले दुर्लभ साधना तथा और देशों से उद्देश्यों से संबंध रखने वाले मानवीय व्यवहार का अध्ययन करता है
  • ECONOMICS IS SCIENCE THAT STUDIES HUMAN BEHAVIOUR AS A RELATIONSHIP BETWEEN ENDS AND SCARCE MEANS WHICH HAVE ALTERNATIVE USES.
  • दुर्लभ साधना तथा उद्देश्य  से संबंध रखने वाले मानवीय व्यवहार का अध्ययन करता है। अर्थशास्त्र में हम मनुष्य की वस्तुएं तथा सेवाओं से संबंधित आप शब्दों का आवश्यकताओं को अध्ययन करते हैं इन आर्थिक  आवश्यकताओं का कोई अंत नहीं है आर्थिक आवश्यकता को पूरा करने वाले अधिकतर साधन दुर्लभ होते हैं
  • ( SUBJECT MATTER OF ECONOMICS
·         अर्थशास्त्र की प्रकृति तथा क्षेत्र बड़ा हो गया है रॉबिन की डेफिनेशन के बाद अब इसको थ्योरी ऑफ RESOURCE ALLOCATION नहीं माना जाता I
·         CREIDT GOES TO KEYNES FOR REVOLUTIONING THE STUDY OF ECONOMICS
·         J, M KEYNES ,” ECONOMICS AS THE STUDY OF ADMINISTRATION OF SCARCE RESOURCES AND DETERMINATION OF INCOME AND EMPLOYMENT
·         GROWTH DEFINITION GIVEN BY SAMUELSON :
·         ECONOMICS IS THE STUDY OF HOW PEOPLE AND SOCIETY END UP CHOOSING WITH OR WITHOUT THE USE OF MONEY,TO EMPLOY SCARCE PRODUCTIVE RESOURCES THAT COULD HAVE ALTERNATIVE USES TO PRODUCE VARIOUS COMMODITIES AND DISTRIBUTE THEM FOR CONSUMPTION,NOW OR IN FUTURE,AMONG VARIOUS PERSONS OR GROUPS IN SOCIETY. ECONOMICS ANALYSES THE COSTS AND BENEFIST OF IMPROVING PATTERNS OF RESOURCE USES.
  • अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जो मनुष्य की उम्र क्रियाओं का अध्ययन करता है जिनका संबंध आवश्यकताओं की अधिकतम संतुष्टि अथवा कल्याण में वृद्धि तथा आर्थिक विकास हेतु वाले वैकल्पिक प्रयोगों वाले दुर्लभ साधनों के कुशल उपयोग कुशल उपयोग उत्पादन तथा विनिमय से हैं।


  • आर्थिक क्रियाएं ( ECONOMIC ACTIVITIES)
  • आर्थिक क्रियाएं अर्थशास्त्र के विषय सामग्री का समान संबंध संबंध आर्थिक क्रियाओं के अध्ययन से हैं इनका अध्ययन दो भागों में किया जाता है I
  •  आर्थिक क्रियाओं के प्रकार तथा
  •  आर्थिक क्रियाओं के उद्देश्य।
  • आर्थिक क्रियाओं के प्रकार प्रोफेसर BOULDING ने आर्थिक क्रियाओं को निम्नलिखित भागों में बांटा है।
  • उपभोग वह आर्थिक क्रिया है जिसका सदन जिसका संबंध आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि के लिए उपयोगिता के प्रयोग करने से हैं।
  • उत्पादन उत्पादन व्यक्ति क्रिया है जिसका संबंध वस्तुएं तथा सेवाओं की उपयोगिता या मूल में वृद्धि करने से है उत्पादन के पांच मुख्य साधन है भूमि ,LABOUR.पूंजी ,उद्यमी  तथा संगठन

  • विनिमय : क्रिया  है जिसका संबंध किसी वस्तु या उत्पादन के समान उत्पादन के साधन  क्रय विक्रय से हैं कर से है और ज्यादातरमुद्रा के द्वारा किया जाता है इस क्रिया को कीमत निर्धारण भी कहा जाता है I कीमत निर्धारण को दो भागों में बांटा जाता है :
  • वस्तु कीमत निर्धारण तथा साधन कीमत निर्धारण।
  •  PROF CHAMPMAN,”अर्थशास्त्र ज्ञान की व्यवस्था है जो धन के उपभोग उत्पादन विनिमय विनी में तथा वितरण का अध्ययन करती है
  • आर्थिक क्रियाओं के उद्देश्य
    ( OBJECTIVES OF ECONOMIC OBJECTIVES )
  • आर्थिक क्रियाओं के उद्देश्य आधुनिक अर्थशास्त्री RAGNER FRISCH आर्थिक क्रियाओं के दो मुख्य उद्देश्य हैं : 1साधनों का उचित बंटवारा तथा 2 साधनों का पूर्ण उपयोग। साधनों का साधनों का उचित बंटवारे का अध्ययन MICRO इकनोमिक ने किया है तथा साधनों के पूर्ण उपयोग का अध्ययन मैक्रोइकोनॉमिक्स में किया है।
  • व्यष्टि अर्थशास्त्र में एक आर्थिक इकाई एक आर्थिक इकाई या  के छोटे समूह की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है अर्थशास्त्र के इस भाग्य अंतर्गत मांग का सिद्धांत उत्पादन का सिद्धांत उत्पादन का फलन कीमत निर्धारण साधन कीमत आर्थिक का अध्ययन किया जाता है
  • समष्टि अर्थशास्त्र के अंदर विभिन्न आर्थिक क्रियाओं का सामूहिक रूप से अध्ययन किया जाता है इसके अंदर राष्ट्रीय आय पूर्ण रोजगार कीमत है मंदी मंदी मंदी अंतरराष्ट्रीय व्यापार राज्यसभा तब सब मुद्रा मुद्रा तथा व्यापार चक्र आदि का अध्ययन किया जाता है
  • आर्थिक प्रणालियां ( ECONOMIC SYSTEMS)
  • आर्थिक प्रणालियां जिसके अंदर हम पढ़ते हैं पूंजीवाद, समाजवाद ,मिश्रित अर्थव्यवस्था।
  1. पूंजीवाद में उपभोग उत्पादन विनिमय आदि करने की स्वतंत्रता होती है सरका सरकार आर्थिक क्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करते नहीं करती।
  2. समाजवाद उपभोग उत्पादन विनिमय आदि क्रियाओं पर पूर्ण रूप से सरकार का नियंत्रण होता है
  3.  मिश्रित अर्थव्यवस्था में कुछ आर्थिक कार्य करने के लिए लोग शब्द अंतर होते हैं स्वतंत्र होते हैं कुछ आर्थिक कार्यों पर सरकार का नियंत्रण होता है।
  • आर्थिक नीतियां ( ECONOMIC POLICIES )
  • आर्थिक नीतियां बेरोजगारी, कीमत वृद्धि ,निर्धनता मंदी मआदि को निपटने के लिए सरकार मौद्रिक नीति , राजस्व नीति ,कीमत नीति आर्थिक योजना संबंधी बनाती है। अर्थशास्त्र की प्रकृति इसका मतलब है
  • अर्थशास्त्र की प्रकृति ( NATURE OF ECONOMICS)
  • यह विषय विज्ञान है अथवा कला है अथवा विज्ञान और कला दोनों ही है।
  •  क्या अर्थशास्त्र विज्ञान है? विज्ञान किसे कहते हैंi यदि यह विज्ञान है तो  वास्तविक विज्ञान है या NORMATIVE या दोनों ही है
  •  विज्ञान शब्द लेटिन भाषा के शब्द SCIRE  से लिया गया है इसका अर्थ है जानना I
  • विज्ञान  ज्ञान का  कर्म बंध रूप है जो किसी विशेष घटना के कारण तथा परिणामों के आपसी संबंध को प्रकट करता है।

  • विज्ञान की विशेषताएं

  • विज्ञान की विशेषताएं
  • तत्वों को इकट्ठा करना तथ्यों को मापने की कोशिश करना तथ्य को इकट्ठा करके उनको  मापने उनकी व्याख्या की जाती है विज्ञान की अंतिम विशेषता यह है विज्ञानिक नियमों को वास्तविक जीवन में लागू करके यह जानकारी प्राप्त की जाती है कि वह ठीक है अथवा नहीं
  • प्रोफेसर विज्ञान दो प्रकार का हो सकता है समाजिक विज्ञान तथा प्राकृतिक विज्ञान। एक सामाजिक विज्ञान है मनुष्य से है क्योंकि इसका मनुष्य से है


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