Friday, November 29, 2019

NATURE AND SCOPE OF MANAGEMENT ACCOUNTING IN HINDI ( प्रबंधकीय लेखाकन प्रकृति तथा क्षेत्र )


·         NATURE AND SCOPE OF MANAGEMENT ACCOUNTING IN HINDI
प्रबंधकीय  लेखाकन प्रकृति तथा क्षेत्र
·         SHASHI AGGARWAL ECONOMICS AND LAW CLASSES
·         (शशि अग्रवाल अर्थशास्त्र तथा विधि के क्लासेस)
·         MEANING OF MANAGEMENT ACCOUNTING
·         प्रबंधकीय  लेखाकन  का सबंध उन लेखाकन सूचनाओं से है जो प्रबंध के लिए उपयोगी हैं सूचना के प्रस्तुतीकरण से संबंधित होता है। जिससे कि वह प्रबंध तंत्र के लिए सहायक हो सके। प्रबंध नीति निर्धारण संबंधी निर्णय कुछ सूचना के आधार पर लेता है प्रबंध की लेखाकन में वित्तीय INFORMATION को इस प्रकारलिपि बंद ,विश्लेषता और प्रबंध के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तो यह नियोजन कार्य ,व्यवसायिक कार्य को अधिक व्यवस्थित ढंग से संचालित करने में उपयोगी तथा सहायक बन जाता है।

·         DEFINITION
·         प्रबंधकीय  लेखाकन संबंध का उन लेखाकन सूचनाओं से है जो प्रबंध के लिए उपयोगी है I
·         MANAGEMENT ACCOUNTING IS CONCERNED WITH INFORMATION THAT IS USEFUL TO MANAGEMENT BY ANTHONY,ROBERT N
·         प्रबंधकीय  लेखाकन  उन विधियों और अवधारणा का समावेश है जो प्रभावी नियोजन के लिए वैकल्पिक व्यवसायिक क्रियाओं में चुनाव करने तथा निष्पादन के मूल्यांकन व निर्वाचन द्वारा नियंत्रण करने के लिए आवश्यक होते हैं।
·         THE AMERICAN ACCOUNTING ASSOCIATION :- MANAGEMENT ACCOUNTING INCLUDES THE METHODS AND CONCEPTS NECESSARY  FOR EFFECTIVE PLANNING,FOR CHOOSING AMONG ALTERNATIVE BUSINESS ACTION AND FOR CONTROLS THROUGH EVALUATION AND INTERPRETATION OF PERFORMANCE.

·         प्रबंधकीय के लेखाकन के लक्षण या प्रकृति
·         प्रबंधकीय  लेखाकन कार्य प्रबंध तंत्र को उसके नियमों के आधार हेतु लेखाकन समक अंको को उपलब्ध कराना। यह कार्य कुशलता में सुधार लाने तथा संगठनात्मक लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करता है।
·         लेखाकन सूचना उपलब्ध करता है  : प्रबंधकीय  लेखाकन हैं सूचना का प्रस्तुतीकरण इस प्रकार से किया जाता है ,नीति निर्णयों में सहायता करें
·          कारण और प्रभाव विश्लेषण :वित्तीय लेखाकन लाभ हानि खाता क्या उसको बनाता हैi प्रबंध के लेखाकन एक कदम आगे होता है कारण तथा प्रभाव का विवेचन करता है यदि हानि हुई है तो उसके क्या कारण है। यदि लाभ हुआ है तो कौन से ऐसे घटक है जिनकी वजह से लाभ उत्पन्न हुआ है।

·         वशिष्ठ तकनीकों अवधारणाओं का प्रयोग  : लेखक आंकड़ों को अधिक उपयोगी बनाने के लिए अनेक विशिष्ट तकनीकों और अवधारणाओं का प्रयोग किया जाता हैI इन तकनीकों में हमेशा वित्तीय नियोजन, वह विश्लेषण प्रमाप BUDGETARY CONTROL,परियोजना मूल्यांकन ,नियंत्रण रेखा का आदि शामिल हैI किस प्रकार की तकनीक का प्रयोग कब किया जाना है यह आवश्यकता के अनुसार निर्णय लिया जाता है
·          महत्वपूर्ण निर्णय : प्रबंधकीय  लेखाकन महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करता है Iयह प्रबंध के लिए ऐसी सूचनाएं देता है ताकि वह सही निर्णय ले सकेI इतिहासिक लागतो का निर्णय पड़ने वाले संभावित प्रभाव को जानने के लिए इनका अध्ययन करता है

·         उद्देश्यों की प्राप्ति : प्रबंधकीय  लेखाकन में लेखक सूचना या सूचना का ढंग से प्रयोग किया जाता है ताकि वह संगठनात्मक उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकेंI
·          निर्देशों का अनुपालन नहीं: वित्तीय लेखाकन में विभिन्न को प्यार करने के लिए नियमों का पालन किया जाता है दूसरी और प्रबंधकीय  लेखाकन ऐसी किसी विशिष्ट नियम का पालन नहीं होता।
·          कार्य कुशलता में वृद्धि :लिखा कर सूचना के प्रयोग का उद्देश्य संस्था की कार्य कुशलता में वृद्धि करना है। प्रत्येक विभाग या अनुभाग के लिए लक्ष्य निर्धारण द्वारा कार्य कुशलता प्राप्त की जा सकती है।
·          सूचना प्रदान करता है ना करना
·         CONCERNED WITH FORECASTING : प्रबंधकीय  लेखाकन भविष्य संबंधित होता है यह नियोजन और पूर्वानुमान में प्रबंध को सहायक देता हैI
·         SCOPE
1.     वित्तीय लेखांकन  FINANCIAL ACCOUNTING ) :ऐतिहासिक आंकड़ों का व्यवहार करता है। एक संगठन के बारे में लिपिबंध तथा नियोजन और भावी कार्रवाई के लिए उपयोगी होते हैं नियोजन हमेशा भविष्य के लिए किया जाता है परंतु विगत और वर्तमान आंकड़ों पर आधारित होता हैi
2.     लागत लेखांकन  ( COST ACCOUNTING ) :लागत लिखा कर उत्पादकों के उत्पादों के निर्माण की लागत, अर्पित की गई सेवा की लागत निर्धारण हेतु विभिन्न तकनीकों का उपयोग कर आता हैI प्रमाप लागत प्रमाप लागत, सीमांत लागत, विभेद आत्मक लागत परिचालन लागत निर्धारित करने की प्रणालियां व्यवसायिक प्रयोजन हेतु प्रबंध के लिए सहायक होते हैंi
3.     वित्तीय प्रबंध ( FINANCIAL MANAGEMENT ): फर्म की विधि संसाधनों के नियोजन एवं नियंत्रण से है। कोष जुटाने तथा इनको कोष के प्रभावी उपयोग के बारे में विचार किया जाता है इसका मुख्य लक्ष्य को शो कैसे प्रयोग किया जाए के लाभ अधिकतम हो जाएI

4.     बजटिंग  AND पूर्व अनुमान ( BUDGETING AND FORECASTING): बजटिंग का उद्देश्य भविष्य में किसी निश्चित अवधि के लिए संस्थाओं का योजना नीतियों और लक्ष्यों को बताता हैI विभिन्न विभागों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं तथा इन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु उत्तरदायित्व नियत किया जाता है Iवास्तविक उपलब्धियों को बजटिंग से तुलना की जाती हैi
5.     स्कंध नियंत्रण  ( INVENTORY MANAGEMENT ): स्कंध नियंत्रण कच्चा माल, WIPऔर निर्मित से है. ): स्कंध नियंत्रण महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसमें भारी राशि लगी होती हैI इसके अंदर न्यूनतम स्तर ,अधिकतम सत्र का निर्धारण करना होता हैI उत्पाद की लागत नियंत्रण करने में सहायक होता है

6.     प्रबंध को प्रतिवेदन देना  ( REPORTING TO MANAGEMENT ) :- प्रबंधकीय  लेखाकन एक कार्य प्रबंधक संस्था की विभिन्न क्रियाओं के बारे में प्रतिवेदन के माध्यम से सूचित रखना हैI प्रतिवेदन ओं में लाभ हानि विवरण, रोकड़ प्रवाह प्रतिवेदन, अनुपस्थिति विवरण आदि का उल्लेख हैI यह प्रतिवेदन BUSINESS की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने में सहायक होते हैं I
7.     समको का निर्वाचन : प्रबंधकीय  लेखाकन प्रबंध के उपयोग के लिए वित्तीय विवरण का निर्वाचन किया जाता हैI यह विवरण संस्था की वित्तीय तथा स्थिति के बारे में बताते हैं और इनका दूसरी संस्थाओं की विवरणों के साथ तुलना की जा सकती हैi
8.     नियंत्रित क्रिया विधि  :नियंत्रण की उत्पादन के विभिन्न घटकों को अधिक से अधिक मितव्यई ढंग से प्रयोग करने के लिए सुचारू रूप से नीतियों की जरूरत होती है iलागत तथा लाभ के संबंध के अध्ययन से आर्थिक साधनों के मितव्यई प्रयोग करने से हैंi

9.     INTERNAL AUDITING : प्रत्येक विभाग के निष्पादन का आकलन करने के लिए आंतरिक AUDITING KI व्यवस्था का होना जरूरी है।
10.  कर लेखकन  TAX PLANNING : वर्तमान जटिल कर व्यवस्था के अंतर्गत नियोजन भी प्रबंध किए कर लेखकन का एक महत्वपूर्ण भाग है संस्था में आए विवरण तैयार किए जाते हैं तथा कर का अनुमान लगाया जाता है इसके अंतर्गत देखा जाता है कि सरकार जो बेनिफिट देती है उसको विधि पूर्वक अपनाकर टेक्स्ट को कैसे बचाया जा जा जा सकता है
11.  OFFICE SERVICES : ऑफिस में किस तरह से रिकॉर्ड को बनाए रखना है जितना भी आंकड़ा होता है उसको सही फाइल में लगाना तथा ऑफिस प्रयोग किए जाने वाले यंत्रों की उपयोगिता के बारे में प्रतिवेदन करना तथा ऑफिस के अंदर सुचारू रूप से कार्य चलाने के लिए सही ढंग से रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए रिकॉर्ड रखा जाता हैI




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